Kagaj Kalam Dawat
Tuesday, 18 February 2020
आग़
सर्द पनाह उस आग की थी, ज़द में उसके गर्माहट आ गई,
मलूल था उसे दम ए आगही का, कि सर्द तो मुर्दा होने की निशानी है।।
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