Kagaj Kalam Dawat
Saturday, 26 June 2021
ज़िंदगी
बदलते मौसमों की तरह हर शख़्स के बदल जाने तक,
इस रंगीन दुनियां से हर रंग बिछड़ जाने तक,
फक़त तेरी मुस्कुराहट की चाहत के सहारे,
ज़िंदगी नुमाईश होगी, ये ज़िंदगी गुज़र जाने तक।
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