इक लंबा अरसा बिताने के बाद,
हर छोटी सी छोटी बात बताने के साथ,
मेरी डायरी के हर पन्ने पर एक नाम लिखा है,
तुझसे शुरू और तुझसे ख़त्म एक पैग़ाम लिखा है।
हज़ारों क़िस्से, कहानियां और तराने के बाद,
यूं झुकती पलकों को फिर से उठाने के साथ,
अपनी ख्वाहिशों को मैंने तमाम लिखा है,
तुझसे शुरू और तुझसे ख़त्म एक पैग़ाम लिखा है।
दरम्यान हर फासले को मिटाने के बाद,
इस धूप में ये तिशनगी बुझाने के साथ,
हर मयखाने में जाकर दिनभर शाम लिखा है,
तुझसे शुरू और तुझसे ख़त्म एक पैग़ाम लिखा है।
बेमुरव्वत इस जवानी के गुज़रने के बाद,
मेरी धड़कनों और तेरी सांसों का साथ,
इस जमीं और दूर तलक आसमां के पास लिखा है,
तुझसे शुरू और तुझसे ख़त्म एक पैग़ाम लिखा है।