वो रास्ता अजीब था या राही अजीब थे,
कि बाद जाने के उनके वो रास्ता रोता है।
वो साथ अजीब था या साथी अजीब थे,
कि शिकवा करो तो भी वो हमेशा साथ होता है।
वो चांदनी अजीब थी या चांद ही अजीब था,
कि रात होते ही वो ओढ़कर नींद सोता है।
वो कहानी अजीब थी या किरदार अजीब था,
कि मैं कोरा कागज़ और वो हर्फ स्याह होता है।।
Thursday, 30 August 2018
कोरा कागज़
Tuesday, 28 August 2018
Loneliness
More often when my lonely heart talks to my lonely mind,
I realise how much comfort my loneliness gives to me.
Thursday, 16 August 2018
अटल जी
वो हर बार की तरह आज भी मौन है,
उसकी कविताएं पढ़कर सब पूछ बैठे ये कौन है!!
शांत स्वभाव , मुस्काते होंठ और मन कितना सरल है,
रिपु रहित , ओजस्वी, हां वो ही तो ' अटल ' है।।
Monday, 6 August 2018
अजीब
वो अभी कल ही तो गए हमें यूं छोड़कर और आज हम फिर से प्यार में पड़ गए,
कल उनके साथ से प्यार था और आज उनके एहसास से।
ये प्यार भी कितना अजीब होता है ना,
और हम लिखने वाले तो और भी अजीब!!
पहले शामें उनसे मिलने में गुजरती थी,
और अब उन्हें लिखने में।।
वैसे दोनों का अपना ही मज़ा है,
पहले कहानी उनके हिसाब से चलती थी,
और अब हमारे हिसाब से।।
ख़ैर अब समझ आया कि ये प्यार भी कितना अजीब होता है,
और हम लिखने वाले तो और भी अजीब।।
Friday, 3 August 2018
Inhale-exhale
He choked to death,
For my love was in the air...
And he was too feeble to inhale,
Too frightened to exhale...