वो रास्ता अजीब था या राही अजीब थे,
कि बाद जाने के उनके वो रास्ता रोता है।
वो साथ अजीब था या साथी अजीब थे,
कि शिकवा करो तो भी वो हमेशा साथ होता है।
वो चांदनी अजीब थी या चांद ही अजीब था,
कि रात होते ही वो ओढ़कर नींद सोता है।
वो कहानी अजीब थी या किरदार अजीब था,
कि मैं कोरा कागज़ और वो हर्फ स्याह होता है।।
No comments:
Post a Comment