Tuesday, 20 March 2018

तुम

रास्ते चलते जो तुम यूं पैरों से पत्थरों को उछाल देते हो,
लोग कहते हैं दिल का दर्द कुछ इस तरह तुम निकाल देते हो।
हाथों पर आए पसीने को जब हाथों से ही पोछ देते हो,
लोगों को बोलने के लिए तुम हज़ार किस्से नए रोज़ देते हो।
जब ख़ामोश होकर ताकते हो तुम उस ख़ाली आसमान की तरफ, बेवजह रो जाने का सबब उस आसमान को बेहिसाब देते हो।

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