Wednesday, 28 February 2018

सीरिया-2

अब जो देखती हूं आंखों से वो ख्वाब अधूरे रहने दो,
वो परियों की कहानी की रात अधूरी रहने दो,
भूले भटके अगर मिल जाए वो खुशियां तुमको राहों पर,
उनसे तुम कह देना अब ये बात अधूरी रहने दो।
बच्चों की कब्रों पर है नक्शा उनकी सियासत का,
ये गद्दी भी रो देगी बस जज़्बात अधूरे रहने दो।
मिट्टी का इंसान मिलेगा मिट्टी में ही जाकर,
सुर्ख करके इस मिट्टी को ये इंसाफ अधूरा रहने दो।

Tuesday, 27 February 2018

सीरिया

रुखसत कुछ यूं कर दिया उन्हें दुनिया से,
जैसे उन बच्चों का ही बोझ धरती पर ज़्यादा था।
कहां समझ थी उसे उस छिपी हुई नफरत की,
तभी तो उस जहाज के पीछे वो इतनी खुशी से भागा था।
बर्बादी का मंज़र जो देख कर अभी बैठे हैं,
उन बे अल्फ़ाज़ बच्चों को वो आतंकवादी कहते हैं।

Tuesday, 20 February 2018

Justice

He was never satisfied with what he had,
For he was always worried why others are more glad.
He went for justice in the court of lord,
And asked Him why he did this fraud !!
Lord replied, "Oh my dear son, i love everyone".
Yeah i didn't make you all similar,
But gave you everything that can make you parallel.
Some are privileged and some need to work hard,
Justice prevails right here and even afterward.

Monday, 19 February 2018

दो भाई

वो कुछ यूं दो भाईयों में बंटवारा कर देते हैं,
अपनी दीवारों को भी हरा और भगवा कर देते हैं।
मोहब्बत की निशानी को दुनिया भारत के नाम से जानती है,
वो क्यूं ताज को भी मंदिर और मस्जिद में बदल देते हैं।

You need to talk

You need to talk about the sighs you clutched inside,
You need to tell the sky you have more tears than him in your eyes.
You need to tell the mountains that you love the echo it makes when you rise your sound,
For you have skies and mountains to tell your things and no one else is around.

Tuesday, 13 February 2018

आईना

जब आईना देखती हूं तो अब कुछ अलग सा नज़र आता है,
इन उड़ती ज़ुल्फो में फंसी हुई तुम्हारी उंगलियां,
बालों की लंबाई के बराबर जब सफर तय करके ,
थक कर गर्दन पर आराम करती हैं,
तो हां, आइने में बहुत कुछ अलग सा नज़र आता है।
अब मेरी सूरत में भी तेरा अक्स नज़र आता है,
इन आंखों की नमी में भी तेरा चेहरा उभर आता है।
अब मेरी धड़कन की चाल भी तेरे क़दमों की आवाज़ से कुछ यूं रंजिश करती है,
कि कहीं पीछे ना छूट जाए इसलिए हमेशा उसके साथ ही चलती है।
तेरा मेरी ज़िन्दगी में मुस्तकिल हो जाना अब कुछ यूं समझ आता है,
मेरे क़दम आगे बढ़ते रहते हैं और ये दिल कहीं पीछे छूट जाता है।
एहतराम करते हैं उन लम्हों का जो तेरे साथ गुज़ारे थे,
होंठ जब चुप रहते थे और आंखों के ख़ेल सारे थे।
हां, अब जीतने से ज़्यादा तुमसे हारने में मज़ा आता है,
तभी शायद आइने में अब कुछ अलग सा नज़र आता है।।

Sunday, 11 February 2018

February

Don't know why my senses work more,
When February comes to adore.
February feels like I'm embracing the snowy hill,
It tastes like tequila that makes me chill.
It smells like an orchard of pear,
I see the birds and their song is all that I hear.

किस्मत

जब चीज़े ना मिले तो किस्मत पर टालना अच्छा लगता है,
यही तो एक चीज़ है जो इल्ज़ाम लेकर भी ख़ामोश रहती है।

वादा

असर दिखेगा मेरा , मेरे जाने के बाद थोड़ा ज़्यादा,
तुम भी आज़मा लो इसको,कर लिया हमने भी आज
तुमसे फिर ना मिलने का ये वादा।।

People call it Promise day

I can tell you thousands of stories on hugs and kiss,
We'll count our silver hair together, that I promise. 😋

Saturday, 10 February 2018

चलो साथ चलते हैं

चलो कुछ रूहानियत इस रिश्ते में रखते हैं,
एक बार फिर उस पहले दिन की तरह मिलते हैं।
किताब के अंदर बंद उस निशानी की तरह,
चलो आज फिर एक-एक हर्फ साथ पढ़ते हैं।
कश्ती में बैठ, मंज़िल तक पहुंचने से पहले,
चलो समंदर की रेत पर एक दूसरे का नाम लिखते हैं।
यूं तो रोज़ ही मुलाक़ात होती है ख़्वाबों में तुमसे,
चलो कभी सामने बैठकर नज़रों से भी बातें करते हैं।।

Wednesday, 7 February 2018

People call it Rose day

Hey my darling and bright silky rose,
On this 7th of feb i am writing you in my prose.
You hold a fragrance that travels like light,
You soak a warmth of red chilled wine.
I can't help adhering with this fragrance wherever I go,
For i have bunch of roses for the rose i know.

Sunday, 4 February 2018

बस यूं ही

आज एक नए एहसास से मुलाक़ात हुई,
एक तरफा गुफ्तुगू के साथ ये अदना शुरुआत हुई।
घने कोहरे में दूर कहीं चमकती रोशनी की तरह,
जलती बुझती बत्तियों के साथ ढेरों बात हुई।
दिन के उजाले भी कम नहीं हैं मुहब्बत जताने के लिए,
लगता है फकत तेरे एहसास को फिर से जीने के लिए ही रात हुई।।